5. (क) निम्नलिखित में से किन्ही दो मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करो :
पीठ थपथपाना , नमक खाना , मुँह की ओर देखना , नौ-दो ग्यारह होना
उत्तर
पीठ थपथपाना (किसी की तारीफ़ करना) - उन्होंने भी
आंदोलनकारियों की पीठ थपथपाना आरंभ
कर दिया।
नमक खाना (किसी
का दिया हुआ खाना और अहसानमनद रहना)- मेरा नमक खाकर भी तुमने मुझे धोखा दिया।
मुँह की ओर देखना (आशा, प्रतीक्षा आदि में चुपचाप किसी ओर देखते रहना) - अपना मुँह की ओर देख लो कि जो कुछ तुम पाना या लेना चाहते हो, उसके योग्य तुम हो भी या नहीं ।
नौ-दो ग्यारह होना (भाग
जाना) - जब भी घर के सामने से मेरे अध्याप जाते तब मै नौ दो ग्यारह हो जाया करता था ।
(ख) निम्नलिखित में
से किन्हीं
चार के
स्त्रीलिंग रुप
लिखो :
बन्दर , महाराज , नायक , सभापति , माली , बनिया , बूढ़ा
उत्तर
बन्दर – बन्दरिया
महाराज – महारानी
नायक – नायिका
सभापति – सभानेत्री
माली – मालनी , मालिन
बनिया – बनियाइन
बूढ़ा – बुढ़िया
(ग) निम्नलिखित में से किन्ही दो की संधी करो :
गिरि + इंद्र , सदा + एव , अति + उत्तम , उत् + लास
उत्तर
गिरि + इंद्र = गिरीन्द्र
सदा + एव = सदैव
अति + उत्तम = अत्युत्तम
उत् + लास = उल्लास
(घ) निम्नलिखित में से चार विपरीतार्थक शब्द लिखो :
आगामी कटु उत्तीर्ण
आलोक स्थावर भक्षक निर्गुण
उत्तर
आगामी – पिछला
कटु – मधुर
उत्तीर्ण – अनुत्तीर्ण
आलोक – अंधकार
स्थावर – जंगम
भक्षक – रक्षक
निर्गुण - सगुण, साकार,
(ङ) निम्नलिखित में से चार के एक-एक पर्यायवाची शब्द लिखो :
रात्रि , पण्डित , तालाब
, वृक्ष , सरस्वती , समूह , बिष्णु
उत्तर
रात्रि – रात,
निशा
पण्डित – विद्वान, विचक्षण
तालाब – जलाशय, पोखर
वृक्ष – पेड़, तरू
समूह – समुदाय, समुच्चय
बिष्णु – नारायण, चतुर्भज, चक्रपाणि
(च) निम्नलिखित में से किन्ही चार उपसर्गो/प्रत्ययों को जोड़कर एक-एक शब्द बनाओ :
उप , अति , परा , त्व
उत्तर
उप – उपदेश, उपवन
अति – अतिरिक्त, अतिशय
परा – पराक्रम,
परामर्श
त्व – देवत्व,
अमरत्व, व्यक्तित्व
(छ) निम्नलिखित में से किन्हीं चार अनेक शब्दों के स्थान में एक-एक शब्द लिखो :
जिसकी उपमा न हो , जिसके शेखर पर चन्द्र हो, स्वेद से
उत्पत्र होने वाला , शिव का उपासक , जो संगीत जानता हो , बिना बेतन के , वह जो भू
धारण करता है
उत्तर
जिसकी उपमा न हो – निरुपम
जिसके शेखर पर चन्द्र हो –
चन्द्रशेखर (शिव)
स्वेद से उत्पत्र होने वाला
– स्वेदज
शिव का उपासक – शैव
जो संगीत जानता हो – संगीतज्ञ
बिना बेतन के – अवैतनिक
वह जो भू धारण करता है – भूधर