A Letter to God, Lesson Questions and Answers for class 10, noted by Podmeswar

Oral comprehension Check:

 

1.What did Lencho hope for? (Lecho  কি আশা কৰিছিল ? / लेंचो के लिए क्या उम्मीद थी?)

Ans: লেন্সুৱে এজাক প্রৱল বৰষুণ নতুবা এজাক কম পৰিমাণৰ বৰষুণ আষা কৰিছিল কাৰণ, সেই মাটিখিনিক একমাত্র লাগতিয়াল বস্তুটো আছিল বৰষুণ ৷ / Lencho एक बारिश या कम से कम एक शॉवर के लिए आशा व्यक्त की। क्योंकि, केवल एक चीज पृथ्वी की जरूरत थी, बारिश ।

Lencho hoped for a downpour or at least a shower. Because, the only thing the earth was needed, the rain.

 

2.What/Why did Lencho say the raindrops were like ‘new coins’?

কিয় Lencho য়ে বৰষুণৰ টোপালবোৰক নতুন মুদ্রাৰ দৰে বুলি কৈছিল ? / क्या/क्यों Lencho ने कहा कि वर्षाबूंदों ' नए सिक्कों ' की तरह थे?

Ans:   যেতিয়া বৰষুণৰ ডাঙৰ টোপালবোৰ পৰিবলৈ আৰম্ভ কৰিছিল, তেতিয়া লেন্সুৱে জানিছিল যে সেই বৰষুণৰ টোপালবোৰে লেন্সুক অধিক শস্য আনি দিব আৰ লগতে নতুন মুদ্রাও এইবোৰৰ পৰা আগমন ঘটিব সেয়েহে, Lencho য়ে বৰষুণৰ টোপালবোৰক নতুন মুদ্রাৰ দৰে বুলি কৈছিল ৷ / जब बारिश की बड़ी बूंदें गिरने लगीं तो फिर लेंचो को पता था कि रेनड्रॉप उसे ज्यादा फसल/अनाज लाएगा और उनके जरिए कुछ नए सिक्के भी लाएगाइसलिए, लेंचो ने कहा कि वर्षाबूंदों ' नए सिक्कों ' की तरह थे

When the big drops of rain began to fall, then Lencho knew that the raindrops would bring him much crop/grain and also would bring some new coins through them. So, Lencho said the raindrops were like ‘new coins’.

 

3.How did the rain change? What happened to Lencho’s fields?

সেই বৰষুণ কেনেদৰে সলনি হৈছিল ? লেন্সুৰ পথাৰখনত কি হৈছিল ? / बारिश कैसे बदली? लेंचो के खेतों का क्या हुआ?

Ans:

প্রথমতে, বৰষুণৰ ডাঙৰ টোপালবোৰ পৰিবলৈ আৰম্ভ কৰিছিল৷কিন্তু অলপ পাছতে, এজাক প্রৱল ধুমুহা বলা আৰম্ভ হৈছিল আৰ বৰষুণৰ লগতে ডাঙৰ শিলবোৰো পৰিব আৰম্ভ কৰিছিল তাৰ পাছত, সেই বৰষুণ শিলাবৰষুণ বা শিলাধুমুহালৈ সলনি হৈছিল ৷ / पहले तो बारिश की बड़ी-बड़ी बूंदें गिरने लगींलेकिन/दुर्भाग्य से कुछ समय बाद तेज हवा चलने लगी और बारिश के साथ-साथ बहुत बड़े ओले गिरने लगेइसके बाद बारिश ने ओलावृष्टि में बदल दिया था

At first, the big drops of rain began to fall. But/unfortunately, after some time, a strong wind began to blow and along with the rain very large hailstones began to fall. After that, the rain had changed to hailstorm.

 

সেই শিলাধুমুহাৰ পাছত, সেই পথাৰখন বগা হৈ পৰিছিল যেন নিমখেৰেহে আবৃত্ত আছিল দ্বিতীয়তে, এটাও পাত গছত থকা নাছিল তৃতীয়তে, শস্যবোৰ সম্পূৰ্ণৰপে ধ্বংস হৈ গৈছিল ৷চতুৰ্থতে, ফুলবোৰ ডালৰ পৰা সৰি পৰিছিল ৷ / ओलों के बाद खेत सफेद था, मानो नमक से ढका हुआ होदूसरा, पेड़ों पर एक पत्ता नहीं रह गयातीसरा, मकई पूरी तरह से नष्ट हो गया थाआगे/चौथा, पौधों से फूल चले गए

After the hail, the field was white, as if covered with salt. Secondly, not a leaf remained on the trees. Thirdly, the corn was totally destroyed. At forth/Fourthly, the flowers were gone from the plants.

 

4. What were Lencho’s feeling where the hail stopped?

যেতিয়া শিলাধুমুহা বন্ধ হৈছিল তেতিয়া লেন্সুৰ কেনে ভাবনা হৈছিল ? / लेंचो की क्या भावना थी जहां ओले बंद हो गए?

(extra Question: “Lencho’s soul was filled with sadness” why? / अतिरिक्त प्रश्न: "Lencho आत्मा उदासी से भर गया था" क्यों? / অতিৰিক্ত প্ৰশ্ন: "লেঞ্চোৰ আত্মা দুখত ভৰি পৰিছিল" কিয়?)

Ans:   শিলাধুমুহা বন্ধ হোৱাৰ পাছত, লেন্সুৰ মনটো দুখেৰে ভৰি পৰিছিল তেওঁ প্রকাশ কৰিছিল যে সেইবছৰ তেওঁলোকৰ কোনো শস্য নাথাকিব লগতে, তেওঁ দুখতে কৈছিল যে তেওঁলোকে সেইবছৰ ভুকতে থাকিব লাগিব আকৌ, তেওঁ কৈছিল যে Locust নামৰ পোকৰ দল হোৱাহেতেল অলপ বেছিকৈ এৰি লহেতেন ৷ / ओले पड़ने के बाद लेंचो की आत्मा उदासी से भर गईउन्होंने जाहिर किया कि उस साल उनके पास कोई मकई नहीं होगीसाथ ही दुख के साथ कहा कि वे उस साल भूखे चले जाएंगेफिर, उन्होंने कहा कि टिड्डियों का प्लेग उससे अधिक या ओलों से अधिक छोड़ दिया होगा

After the hail stopped, Lencho’s soul was filled with sadness. He expressed that that year they would have no corn. Also, he sorrowfully said that they would go hungry that year. Again, he said that a plague of locusts would have left more than that or the hail.

 

Oral Comprehension Check

1.Who or what did Lencho have faith in? What did he do?

কোন বা কিহৰ ওপৰত লেন্সুৱে বিশ্বাস ৰাখিছিল ? তেওঁ কি কৰিছিল ? / लेन्चो में किससे या किस पर विश्वास था? उसने क्या किया?

Ans: লেন্সুৱে সম্পূৰ্ণৰপে ভগৱানৰ ওপৰত বিশ্বাস কৰিছিল

      সেয়েহে, সেই বিপদৰ সময়ত, তেওঁ ভগবানলৈ এখন চিঠি লিখিছিল আৰ তেওঁ অসুবিধাসমূহৰ বিষয়ে জনাইছিল লগতে, তেওঁৰ পথাৰখনত পুনৰ বীজ সিচিবৰ বাবে আৰ শস্য নহালৈকে জীয়াই থাকিবৰ বাবে লেন্সুয়ে ভগবানৰ পৰা এশ পেচচ বিচাৰিছিল ৷ /

लेन्चो को भगवान में पूरी तरह से/गहरी आस्था थी

      इसलिए उस असहाय स्थिति (/खतरनाक समय) में उन्होंने भगवान को पत्र लिखकर अपनी समस्याओं की जानकारी दी। इसके अलावा वह चाहते थे कि सौ पेसो फिर से अपने खेत की बुआई करें और फसल आने तक जीएं।

      Lencho had totally/deep faith in God.

      So, in that helpless situation (/dangerous time), he wrote a letter to God and he informed about his problems. Also, he wanted a hundred pesos to sow his field again and to live until the crop comes.

 

2. Who read the letter?
    
চিঠিখন কোনে পঢ়িছিল? / पत्र कौन पढ़ता है?
Ans : 
যেতিয়া ডাকৱালাজনে চালেচিঠিখন ঈশ্বৰলৈ সম্বোধন কৰা হৈছেতেওঁ হাঁহিছিল আৰু চিঠিখন ভাৰপ্ৰাপ্ত কৰ্মচাৰীৰ ওচৰলৈ লৈ গৈছিলযি জনে চিঠিখন পঢ়িছিল । / जब डाकिया ने देखा कि पत्र भगवान को संबोधित है तो वह हंसे और पत्र पोस्टमास्टर के पास ले गए, जिन्होंने फिर पत्र पढ़ा।       

When the postman saw that the letter was addressed to God, he laughed and took the letter to the postmaster, who then read the letter.        

 

 3.What did the postmaster do then/after read the letter? (তেতিয়া Postmaster জনে কি কৰিছিল? / पोस्टमास्टर ने फिर क्या किया/पत्र पढ़ने के बाद?)

(Extra Question- What did the postmaster do after read the Lencho’s letter to God?)

(অতিৰিক্ত প্ৰশ্ন- ঈশ্বৰলৈ লেঞ্চোৰ পত্ৰ খন পঢ়াৰ পিছত পোষ্টমাষ্টাৰে কি কৰিছিল?/ (अतिरिक्त प्रश्न- पोस्टमास्टर ने भगवान को लेंचो का पत्र पढ़ने के बाद क्या किया?)

Ans:   প্রথমতে, Postmaster জনে ভাল সম্ভাষণেৰে উত্তৰ দিবৰ বাবে সাজু হৈছিল কিন্তু যেতিয়া তেওঁ এশ পেচচৰ কথাটো বা বিষয়টো গম পাইছিল, তেতিয়া তেওঁ তেওঁৰ কৰ্মকৰ্তাসকল, বহুতো বন্ধুৰ পৰা আৰ নিজৰ দৰমহাৰ পৰা সত্তৰ পেচচ গোটাইছিল অৱশেষত, এখন চিঠিৰ সৈতে আৰ সেই Postman জনৰ যোগেৰে লেন্সুক সেই টকা অৰ্পণ কৰিছিল ৷ / पहले तो पोस्टमास्टर ने सद्भावना, स्याही और कागज से पत्र का जवाब देने की कोशिश कीलेकिन, जब उसे सौ पेसोस की बात के बारे में पता चला तो फिर उसने अपने कर्मचारियों, कई दोस्तों और अपने वेतन के हिस्से से सत्तर पेसोस एकत्र किएअंत में उसने एक पत्र और डाकॅ्टर के माध्यम से लेंचो को रुपये दिए थे

At first, the postmaster readied to answer the letter by goodwill, ink and paper. But, when he knew about the matter of a hundred pesos, then he collected seventy pesos from his employees, several friends and part of his salary. At last, he had given the money to Lencho by a letter and through the postman. 

 

 

Oral Comprehension Check:

 

1.Was Lencho surprised to find a letter for him with money in it?

লেন্সুৱে তেওঁৰ বাবে এখন চিঠি টকাৰ সৈতে পোৱাত আচৰিত হৈছিল নেকি ? / 1. क्या लेंचो इसमें पैसे के साथ उसके लिए एक पत्र खोजने के लिए आश्चर्यचकित था?

Ans:   নহয়, অৱশ্যেই হোৱা নাছিল লেন্সুৰ ভগবানৰ ওচৰত গভীৰ বিশ্বাস আছিল সেয়েহে, সেই চিঠিখন পোৱাত কোনো আচৰিত নতুবা অচিনাকী প্রতিক্রিয়া কৰা নাছিল ইয়াৰ পৰিৱৰ্তে, তেওঁ বিচাৰাতকৈ কম টকা পোৱা বাবে খঙহে উঠিছিল ৷ / नहीं, बिल्कुल नहींलेंचो को भगवान पर गहरी आस्था थीइसलिए, वह आश्चर्य नहीं था या उसके लिए एक पत्र खोजने के लिए अजीब प्रतिक्रियाइसके बजाय, वह कम पैसे वह चाहता था खोजने के लिए गुस्सा था

No, absolutely not. Lencho had deep faith in God. So, he did not surprise or react strange to find a letter for him. Instead, he was angry for finding the less money he wanted.

 

2.What made Lencho(him) angry?

কিহে লেন্সুক খঙ উঠাইছিল ? / क्या Lencho (उसे) गुस्सा किया?

(extra question- Why did Lencho say “The post office employees are a bunch of crooks.”)

((অতিৰিক্ত প্ৰশ্ন- লেঞ্চোৱে কিয় কৈছিল "ডাকঘৰৰ কৰ্মচাৰীসকল একগোট দুৰ্বৃত্ত।" / अतिरिक्त प्रश्न- लेंचो ने डाकघर के कर्मचारी बदमाशों का गुच्छा क्यों कहा।)

Ans:   তেওঁৰ পথাৰখনত পুনৰ বীজ সিচিবৰ বাবে আৰ শস্য নহালৈকে জীয়াই থাকিবৰ বাবে লেন্সুয়ে ভগবানৰ পৰা এশ পেচচ বিচাৰিছিল যেতিয়া তেওঁ চিঠিখনত সত্তৰ পেচচ পাইছিল তেতিয়া তেওঁৰ খঙ উঠিছিল তেওঁ ভাবিছিল যে বাকী টকাকেইটা ডাকঘৰৰ কৰ্মচাৰীসকলে ৰখই থৈছিল সেয়ে, এই বিষয়টোৰ বাবে, তেওঁ মতামত দিছিল, “ডাকঘৰৰ কৰ্মচাৰীসকল ঠগবাজী৷ / लेंचो चाहते थे कि सौ पेसोस अपने खेत को फिर से बोएं और फसल आने तक जी जाएंजब, वह पत्र में सत्तर पेसोस पाया तो वह गुस्से में थाउसने सोचा कि बाकी पैसे डाकघर के कर्मचारियों ने कब्जा कर लिए हैंतो इस वजह से उन्होंने टिप्पणी की, पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी बदमाशों का गुच्छा हैं

Lencho wanted a hundred pesos to sow his field again and to live until the crop comes. When, he found seventy pesos in the letter then he was angry. He thought that the rest of the money were/was captured by the post office employees. So, for this reason, he commented, “The post office employees are a bunch of crooks.”

 

 

Thinking about the Text


1. Who does Lencho have complete faith in? Which sentences in the story tell you this?
      
লেন্সুয়ে কিহত সম্পূৰ্ণ বিশ্বাস আছে?
কাহিনীৰ কোনবিলাক বাক্যই এই বিষয়ে কয়? /

लेन्चो में किसको पूरा विश्वास है? कहानी में कौन से वाक्य आपको यह बताते हैं?
Ans : Lencho has complete faith in God. The sentences in the story that show this mater are as follows:
                  
লেন্সুয়ে ঈশ্বৰত অগাধ বিশ্বাস আছে। কাহিনীৰ এই বিষয়ে কোৱা কথাবোৰ তলত দিয়া ধৰণৰ: / लेंचो को भगवान पर पूरा विश्वास है। कहानी में वाक्य है कि इस मेटर दिखाने के इस प्रकार हैं:
          (i) But in the heart of all who lived in that solitary house in the middle of the valley, there was a single hope: help from God.
                     
কিন্তু উপত্যকাটোৰ মাজত থকাএকমাত্ৰ ঘৰটোত বাস কৰা আটাইৰে হৃদয়ত এটাই মাত্ৰ আশাঈশ্বৰৰ সহায়।/ (i) लेकिन घाटी के बीच में उस अकेले घर में रहने वाले सभी के दिल में, एक ही आशा थी: भगवान से मदद


          (ii) All through the night, Lencho thought only of his one hope: the help of God, whose eyes, as he had been instructed, see everything, even what is deep in one's conscience.
                   
ওৰেটো ৰাতি লেন্সুয়ে মাত্ৰ একেটা আশাৰ কথাই ভাবিলে সেইয়া ' ঈশ্বৰৰ সহায়। তেওঁক শিকোৱা অনুসৰি ঈশ্বৰে সকলো দেখা পায়। আনকি মানুহৰ হৃদয়ৰ গভীৰতাত থকা বিবেককো দেখা পায়। /           (ii) रात के दौरान, लेंचो ने केवल अपनी एक आशा के बारे में सोचा: परमेश्वर की सहायता, जिसकी आँखें, जैसा कि उन्हें निर्देश दिया गया था, सब कुछ देखें, यहां तक कि किसी के विवेक में क्या गहरा है


          (iii) He wrote 'To God' on the envelope, put the letter inside and still troubled, went to town.
                   
খামটোৰ ওপৰত "প্ৰতি ঈশ্বৰ" বুলি ঠিকনা লিখিলে আৰ চিঠিখনৰ খামটোত ভৰাই অশান্ত মনেৰে চহৰলৈ 'ল। /                (iii) उसने लिफाफे पर 'भगवान के लिए' लिखा, पत्र को अंदर रखा और अभी भी परेशान है, शहर गया था


          (iv) "God" he wrote, "if you don't help me, my family and I will go hungry this year.
  
          
তেওঁ লিখিছিলহে প্ৰভুআপুনি মোক সহায় নকৰিলে মই আৰ মোৰ পৰিয়ালবৰ্গ এই বছৰ লঘোণে কটাব লাগিব। / (iv) "भगवान" उन्होंने लिखा, "यदि आप मेरी मदद नहीं करते हैं, तो मेरा परिवार और मैं इस साल भूखे चले जाएंगे


          (v) God could not have made a mistake, nor could he have denied Lencho what he had requested.

          ঈশ্বৰে ভুল কৰিব নোৱাৰে নাইবা লেন্সুয়ে বিচৰা মতে ধন দিবলৈও অমান্তি ' নোৱাৰে ।/           (v) परमेश्वर कोई गलती नहीं कर सकता था, और ही वह लेंचो को उस बात से वंचित कर सकता था जो उसने अनुरोध किया था


          (vi) It said: "God: Of the money that I asked for. "

          চিঠিখনত লিখা আছিল:" হে প্ৰভুমই বিচৰা টকাৰ"  /           (vi) यह कहा: "भगवान: पैसे है कि मैं के लिए कहा था की।

 

2. Why does the postmaster send money to Lencho? Why does he sign the letter 'God,"?
  
ডাকবিষয়াজনে লেন্সুলৈ কিয় টকা পঠিয়াইছেসি চিঠিখনত "ঈশ্বৰ" বুলি কিয় চহী কৰে? / 2. पोस्टमास्टर लेंचो को पैसे क्यों भेजता है? वह 'परमेश्वर' पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करता है?
Ans : The postmaster sends money to Lencho in order to keep Lencho's faith in God alive. Secondly, he sticks to his resolution of answering the letter. Internally, he wants to help Lencho at this helpless time.

He signs the letter "God", so that Lencho's faith would not get shaken. Also, that Lencho does not suspect except (/without) God.
                  
লেন্সু বিশ্বাসখিনি বৰ্তাই ৰাখিবৰ বাবেই ডাকবিষয়াজনে লেন্সুলৈ টকা পঠিয়াইছে। দ্বিতীয়তে, তেওঁ চিঠিখনৰ উত্তৰ দিবৰ বাবে দৃঢ়সঙ্কল্প লৈছে ভিতৰৱাকৈ, তেওঁ লেন্সুক এই অসহায় সময়ত সহায় কৰিব বিচাৰিছে

    তেওঁ "ঈশ্বৰ" বুলি চিঠিখনত চহী কৰিছেযাতে লেন্সু বিশ্বাস নলৰে। লগতে, লেন্সুৱে যাতে ভগবানৰ বাহিৰে কাকো সন্দেহ নকৰে

पोस्टमास्टर भगवान में Lencho विश्वास जीवित रखने के क्रम में Lencho के लिए पैसे भेजता है दूसरा, वह पत्र का जवाब देने के अपने संकल्प पर चिपक जाते हैं आंतरिक रूप से, वह इस असहाय समय में Lencho मदद करना चाहता है

वह "भगवान" पत्र पर हस्ताक्षर करता है, ताकि लेंचो का विश्वास हिल जाए। इसके अलावा, कि Lencho को छोड़कर संदेह नहीं है (/बिना) भगवान

 

3. Did Lencho try to find out who had sent the money to him? Why/why not?

    
লেন্সুৱে টকাখিনি কোনে পঠিয়াইছিল বিচাৰি উলিয়াবৰ চেষ্টা কৰিছিল নেকিয়/ কিয় নহয়?

3. क्या लेंचो ने यह पता लगाने की कोशिश की कि उसे पैसे किसने भेजे थे? क्यों/क्यों नहीं?
Ans:   No, Lencho had never tried to find out who had sent the money. This was because he had never suspected that that could be anybody else other than God who would send him the money. His faith in God was so strong, that’s why he believed that God had sent him the money.
                   
নাইলেন্সুৱে টকাখিনি কোনে পঠিয়াইছিল কেতিয়াও বিচাৰি উলিয়াবৰ চেষ্টা কৰা নাছিল। কাৰণ সি কেতিয়াও সন্দেহ কৰা নাছিল যে তেওঁক টকা পঠিওঁতাজনা ঈশ্বৰৰ বাদে কোনো ' নোৱাৰে।  ঈশ্বৰত তাৰ ভাৰসা ইমানেই গভীৰ আছিল যে তেওঁ বিশ্বাস কৰিছিল টকাখিনি ঈশ্বৰে পঠিয়াইছিল। /

नहीं, लेंचो ने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की थी कि पैसे किसने भेजे थे इसका कारण यह था कि उसे कभी संदेह नहीं था कि वह भगवान के अलावा कोई और हो सकता है जो उसे पैसे भेजेगा। परमेश्वर पर उनका विश्वास इतना मजबूत था, इसीलिए उनका मानना था कि भगवान ने उन्हें धन भेजा है।

 

4. Who does Lencho think has taken the rest of the money? What is the irony in the situation?
       
বাকী টকাখিনি কোনে লৈছে বুলি লেন্সুৱে ভাবে পৰিস্থিতিটোত বেপৰীত্য/ব্যংগাত্মক/হাহি উঠা বিষয়টো কি ?

कौन Lencho लगता है कि पैसे के बाकी ले लिया है? स्थिति में विडम्बना क्या है?
Ans:   Lencho thinks that the post office employees have taken the rest of the money.

The irony of the situation is that the employees whom he calls a 'bunch of crooks' and suspects of taking some of the money, these are the same people who has contributed and sent him the money in the first place.
                  
লেন্সুৱে ভাবিছে যে ডাকঘৰৰ কৰ্মচাৰীয়ে বাকী টকাখিনি লৈছে

পৰিস্থিতিটোৰ বেপৰীত্য/ব্যংগাত্মক/হাহি উঠা বিষয়টো হৈছে যে  যাক তেওঁ 'একদম বদমাচ লোকবুলি কৈছে আৰ সন্দেহ কৰিছে যে টকাখিনিৰ কিছু অংশ লৈছে সেই লোকসকলেই বৰঙণি আগবঢ়াইছে আৰ প্ৰথম অৱস্থাত তেওঁক টকা পঠিয়াইছে

लेंचो को लगता है कि पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने बाकी पैसे ले लिए हैं।

स्थिति की विडंबना यह है कि जिन कर्मचारियों को वह ' बदमाशों का गुच्छा ' कहते हैं और कुछ पैसे लेने के संदिग्ध हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने योगदान दिया है और उन्हें पहली जगह में पैसे भेजे हैं


god blessing you all........................